युगान्तर

वो सुबह कभी तो आयेगी..............

सुखद पल

आदि के बारे में आदि के ब्लोग पर तो बहुत कुछ है.. पर आज सोचा क्यों न इस ब्लोग पर भी आदि के बारे में कुछ लिखुँ..  आज आदि तो बहुत याद कर रहा हूँ..

मेरी इच्छा होती कि कभी आदि आये और मेरे सीने पर सो जाये पर वो ये मौका कभी नहीं देता था.. अपने हाल में मस्त.. आजाद रहना उसे ज्यादा पंसद है शायद.. पर एक दिन उसने मुझे ये मौका दिया.. वो चुपके से मेरे सीने में दुबक गया.. और मुझे शायद मन माँगी मुराद मिल गई.. अब आदि अक्सर मेरे पास आकर मेरे सीने पर सो जाता है.. और में उन पलों का भरपूर आंनद लेता हूँ..


लव यू बेटा!!

अभी तो हमारी ट्रेनिंग होनी है..

स्थान - कांडला एयरपोर्ट.. समय - प्रातः .३० जुलाई २००९
कांडला एक बहुत छोटा सा एयरपोर्ट है.. और दिन में एक फ्लाइट ही आती जाती है.. पहले एयर डेक्कन कहलाती थी आजकल किंग फिशर..  एयरपोर्ट पर चेक इन क्षेत्र अभी पुरा विकसित नहीं है.. केवल एक हॉल है.. जिसे दो हिस्सों में बाट दिया गया है.. आधे भाग में चेक इन और आधे भाग में सुरक्षा जाँच..  चेक इन तो हो जाता है, और किसी भी दुसरे एयरपोर्ट की ही तरह लगता है.. लेकिन पोल पट्टी सुरक्षा जाँच में है.. कम जगह होने से व्यक्तिगत जाँच के लिये कोई जगह नहीं है..  अपना सामान एक्सरे मशीन में डालो.. और फिर वहीं एक बंदा आपको फोरी तौर पर देख लेता है... एक्सरे जांच के बाद जब बारी आई स्टाम्प लगाने की तो वहाँ खडे़ सुरक्षा कर्मी ने बैग फिर से खोलना चाहा.. (हालांकि ये हाई अलर्ट में अक्सर होता है.. और कई बार एक्स रे में संदेह होने पर भी जाँच करते है) तो मैनें एसे ही पुछ लिया कि अभी तो एक्सरे हो कर आया है.. खोल कर देखने कि क्या जरुरत.. तो जबाब सुन हैरान हो गया.. बोला "एसे ही दे लेते है और क्या है अभी हमारी ट्रेनिंग नहीं हुई है..तो ज्यादा पता नहीं है" ये सुन मैं उसका मुँह ताकता रह गया.. सोच रहा था सुरक्षा पर कितने सजग है हम?
ये सब सोचता हुआ मैं फ्लाईट में सवार हुआ.. छोटा एयरक्राफ्ट था ATR.. जल्द ही सभी मुसाफिर बैठ गये और फ्लाईट उड़ने को तैयार थी.. सेफ्टी डेमो इन फ्लाईट एंटरटेनमेंट सिस्टम पर था.. विजय माल्या जी आये.. स्वागत हुआ.. कहा...."..........  at kinggisher your safty is most important for us..." लगा कि हम सुरक्षित हाथों में है.. ध्यान से डेमो देखने लगे.. लेकिन अचानक से आवाज आई..."cabin crew take position of take off..." हम सोचे ये क्या अभी तो सुरक्षा का  डेमो पुरा भी नहीं हुआ.. पर कप्तान साहब शायद बहुत जल्दी में थे.. और जब ये सुना "... now sit back releax and enjoy the kigfisher experience..." तब तक हम हवा में काफी ऊचाई पर थे..
मेरे लिये बिना डेमो के उडना पहनी घटना थी.. रहा नहीं गया.. और पहली सीट होने के कारण विमान परिचालिका सामने ही विराजमान थी..पुछ लिया कि "क्या आप हमेशा आधे डेमो में take off कर जाते हैं..." जबाब मिला "ये (demo) खास नहीं है आपने पिक्चर तो देख ही लिये होगें...बस ज्यादा कुछ नहीं है..."
समझ में आया कि सुरक्षा और सावधानी हमारी कितनी प्राथमिकता है..
(क्या पुछा "आदि क्या कर रहा है?" अरे. रामप्यारी की कक्षा से होकर आया है अभी.. यहा पढे़)

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