युगान्तर

वो सुबह कभी तो आयेगी..............

सुखद पल

आदि के बारे में आदि के ब्लोग पर तो बहुत कुछ है.. पर आज सोचा क्यों न इस ब्लोग पर भी आदि के बारे में कुछ लिखुँ..  आज आदि तो बहुत याद कर रहा हूँ..

मेरी इच्छा होती कि कभी आदि आये और मेरे सीने पर सो जाये पर वो ये मौका कभी नहीं देता था.. अपने हाल में मस्त.. आजाद रहना उसे ज्यादा पंसद है शायद.. पर एक दिन उसने मुझे ये मौका दिया.. वो चुपके से मेरे सीने में दुबक गया.. और मुझे शायद मन माँगी मुराद मिल गई.. अब आदि अक्सर मेरे पास आकर मेरे सीने पर सो जाता है.. और में उन पलों का भरपूर आंनद लेता हूँ..


लव यू बेटा!!

8 comments:

डिम्पल मल्होत्रा July 31, 2009 at 12:13 PM  

sach me sukhad pal....may god bless him...

Dr. Ravi Srivastava July 31, 2009 at 1:04 PM  

मेरे तरफ से बच्चे को प्यार...

ओम आर्य July 31, 2009 at 2:50 PM  

in lamho ke liye koi shabda nahi hota hai ....jindagi inhi palo se bani hai.....

admin July 31, 2009 at 6:07 PM  

Achchha kiya aapne.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

विवेक सिंह August 1, 2009 at 8:36 AM  

बिल्कुल ठीक कहा आपने, जब मैं घर से दूर होता हूँ तो कभी कभी यूँ ही आभास होता है कि छोटा बेटा गाल पर किस कर रहा है !

PD August 2, 2009 at 12:39 AM  

बच्चे होते ही इतने प्यारे हैं, और अगर अपना बच्चा हो तो कहने ही क्या?

अब तो आप आदि के साथ ही होंगे, सो खूब प्यार कर लें.. :)

Asha Joglekar August 2, 2009 at 10:22 AM  

बडा प्यारा है आपका आदि बेटा ।

Asha Joglekar August 2, 2009 at 10:23 AM  

बडा प्यारा है आपका आदि बेटा ।

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