आदि के बारे में आदि के ब्लोग पर तो बहुत कुछ है.. पर आज सोचा क्यों न इस ब्लोग पर भी आदि के बारे में कुछ लिखुँ.. आज आदि तो बहुत याद कर रहा हूँ..
मेरी इच्छा होती कि कभी आदि आये और मेरे सीने पर सो जाये पर वो ये मौका कभी नहीं देता था.. अपने हाल में मस्त.. आजाद रहना उसे ज्यादा पंसद है शायद.. पर एक दिन उसने मुझे ये मौका दिया.. वो चुपके से मेरे सीने में दुबक गया.. और मुझे शायद मन माँगी मुराद मिल गई.. अब आदि अक्सर मेरे पास आकर मेरे सीने पर सो जाता है.. और में उन पलों का भरपूर आंनद लेता हूँ..
लव यू बेटा!!
8 comments:
sach me sukhad pal....may god bless him...
मेरे तरफ से बच्चे को प्यार...
in lamho ke liye koi shabda nahi hota hai ....jindagi inhi palo se bani hai.....
Achchha kiya aapne.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बिल्कुल ठीक कहा आपने, जब मैं घर से दूर होता हूँ तो कभी कभी यूँ ही आभास होता है कि छोटा बेटा गाल पर किस कर रहा है !
बच्चे होते ही इतने प्यारे हैं, और अगर अपना बच्चा हो तो कहने ही क्या?
अब तो आप आदि के साथ ही होंगे, सो खूब प्यार कर लें.. :)
बडा प्यारा है आपका आदि बेटा ।
बडा प्यारा है आपका आदि बेटा ।
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