सबका अपना सवार्थ हे... BCCI का भी और सुभाष चन्द्रा का भी....
BCCI ने इतने सालों मे क्रिकेट का क्या भला किया? BCCI ने राजनीति की या युं कहें कि राजनितीक लोगों ने इस पर अपना कब्जा जमा लिया है.. आज BCCI में कितने इसे लोग है जो कभी क्रिकेट खेले हैं .... लेकिन वो दिन अब ज्यादा दुर नहीं जब इन सबके सुपुत्र टीम इंडिया मे जगह पा लें....
अरबों रुपयों के ढेर में क्रिकेट दब गया है....
तो अच्छा हे... सुभाष चन्द्रा कि "इंडियन क्रिकेट लीग" शायद इस साम्राज्य को चुनौती दें...!!
शायद इससे क्रिकेट का कुछ भला हो..!!!!!
Posted by
रंजन (Ranjan)
at
Wednesday, April 4, 2007
6 comments:
This will only lead to match fixing...
regards
Anuranjan
this will only lead to match fixing...
regards
Anuranjan
this will lead to match fixing
उम्मीद पर दुनिया कायम है, देखिये क्या होता है!!
-स्वागत है आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में. लिखते रहें.
Mr. Ranjan...talking about selfishness..Who is not selfish in this world? Who is not defensive? Who is not smart & business minded? Who is not ambitious? Who is not ruthless when there is a chance to kill?
Aap batao..cricket ka bhala hoga to aapko kya? Aapka kya swarth hai?
Jara clear kijiye...
i don't understand tumhe itna dukhi hone ki kya jaroorat hai? cricket ko itni ehmiyat kyu di ja rahi hai? there are other better sports that needs equal opportunity and attention from the leaders.
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