राजस्थान के गृह मंत्री ओर मुख्यमंत्री को ये कहते हुये रोज सुना जा सकता है.. ये साहब और साहिबा ये नहीं बता रहे है कि इनके सब्र कि सीमा क्या है? ये कब कहेगे ...ओर नहीं..बस ओर नहीं
६-७ दिन हो गये.. रास्ते बन्द है.. ट्रेन जा नहीं रही.. जनजीवन अस्त व्यस्त है.. ओर कोइ कुछ नहीं कर रहा.. इन्तजार के सिवा... दोनो पक्ष अडे है... ओर संवादहिनता कि स्थति बनी हुई है..
लगने लगा है राजस्थान मे सरकार नाम कि कोई चिडिया नहीं है... ओर बैसला साहव अहिंसा ओर आन्दोलन के नाम पर लाखों लोगो का जीना हराम कर रखे है..
इन्होने पिछली बार भी इसी तरह से सरकार को बन्दी बनाया था.. सरकार अपने हाथ जला चुकि थी.. स्पष्ट है कि सरकार ने कोइ सिख नही ली.. ओर भविष्य के लिये कोई रणनिति नहीं बनाई.. चंद IAS ओर IPS के तबादले कर सोच लिया कि सब ठीक हो जायेगा..
आस्तिकता की हद है.. लेकिन ये भुल गये कि ईश्वर उनकी मदद करता है जो खुद अपनी मदद करते है.... या फिर ये सब इश्वर कि लिला समझ के मुक दर्शक बने है...
हे माता वसुन्धरा.. हे अन्न्पुर्णा देवी... हे महारानी... (आपके समर्थक आपको यही कहते है)... कृपा करें.. कुछ करें.. ओर मेरे मरुधर देश का अमन लौटा दिजीये..
ढीठ याद के कच्चे क़िस्से
1 hour ago