युगान्तर

वो सुबह कभी तो आयेगी..............

आजकल तेरे मेरे प्यार के किस्से!!

सभी जगह एक ही चर्चा है. "उसने प्यार किया". "उससे प्यार किया"... "उसकी मेहबुबा"..."उसका खत"...
हां, आजकल एक खत कि चर्चा हर जगह है, उसका हर शब्द दोहराया जा रहा है, "बुद्धु बक्से" पर दिन भर लहरा रहा है. ये खत आम नहीं है (हालाकि मौसम "आम" का है). ये खत है अबु सलेम साहेब का...
पिछले सप्ताह सारे "मनोरंजन चैनलो" पर ये ही छाया रहा, क्योकि गुर्जर आन्दोलन के बाद और कोई घटना भी नहीं हुई और BCCI ने भी बैगलुरु मे कुछ निर्णय नही किया, कोई मुद्दा नहीं था.. तो पता नही कही से "डान" का खत हाथ लग गया, और इनकी चांदी हो गई.


उसने तो प्रेम का इजहार किया था, और ये जनाब (मनोरंजन चैनलो वाले) बारत ले के पहुच गये.

खैर प्रश्न ये है कि क्या कोई कैदी प्रेम नहीं कर सकता ? क्या कोइ वकील प्रेम नहीं कर सकती ? कैदी होने से उसके वकील को प्यार करने का अधीकार कम हो जाता है? या कोई प्रेमिका अपने प्रेमी का केस नही ले सकती ?
समझ नही आया एसा कौनसा तुफान आ गया कि ये राष्ट्रीय चिन्ता का विषय बन गया? एक दुर्दान्त अपराधी गर प्यार करे या एसा करने का प्रयास करे तो ये हमारे लिये समाचार क्यों है? क्यों उस पत्र कि हर लाइन इतनी महत्त्वपूर्ण है?

बरहाल वकील ने भी प्यार से इन्कार कर दिया और खत लिखने वाले ने भी. सलेम ने ताल ठोक के कह दिया कि मेरा प्यार केवल मोनिका के लिये. अब ये भी एक समाचार है.

सलमान प्यार करे तो भी समाचार और सलेम प्यार करे तो भी !!
फोटो: news.bbc.co.uk

1 comments:

Anonymous June 13, 2007 at 12:52 AM  

Salem ne pyaar kiya to kya bura kiya. Kya aap nahi chahte ki ek apradhi ke dil mein pyar ki bhavna aaye?
Socho agar usko sachcha pyar ho gaya to uska 'Hridya Parivartan' ho jayega aur woh ek apradhi se aam aadmi ban jayega.
Manorajan Channel ki khabro ko aap kyun relay kar rahe ho...T.V. to hum bhi dekhte hai
Hum aapke blog par kuch naya aur acha padhne ke liye aate hai..
Kripya kar ke aap apna maulik andaz na chodiye

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