युगान्तर

वो सुबह कभी तो आयेगी..............

मत कहो इसे काला पानी.......

"मत कहो इसे काला पानी, ये है शहीदों की अमर निशानी"

ये ही लिखा है सेलुलर जेल में..

मित्रों,

आजादी के इस तीर्थ का दर्शन कर मन शहिदों के आगे नत मस्तक हो जाता है, पता चलता है कि हमारी आजादी के लिये उन्होने क्या क्या नहीं सहा..

ऎसी ही कुछ तस्वीरें आपके लिये.



(फोटो: अमित चक्रवर्ती)

4 comments:

Udan Tashtari May 23, 2007 at 6:22 PM  

आभार, इन तस्वीरों को हमारे साथ बाँटने के लिये.

Anuranjan Mohnot May 23, 2007 at 6:31 PM  

Joordar hai

Divine India May 24, 2007 at 12:18 AM  

इन तस्वीरों को देख कर पुन: स्मृत हो आते है वीर वो जिन्होंने अपना वक्त महान कार्यों के लिए गुजारा था…।

अनुनाद सिंह June 13, 2007 at 5:09 PM  

आप द्वारे लिये फोटू जितने अच्छे हैं इन तस्वीरों में उतनी ही वेदना छिपी हुई है।

आप्का ब्लाग देखकर बहुत अच्छा लगा। बहुत ही अच्छे विषय चुने हैं आपने। लिखते रहिये।

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