"मत कहो इसे काला पानी, ये है शहीदों की अमर निशानी"
ये ही लिखा है सेलुलर जेल में..
मित्रों,
आजादी के इस तीर्थ का दर्शन कर मन शहिदों के आगे नत मस्तक हो जाता है, पता चलता है कि हमारी आजादी के लिये उन्होने क्या क्या नहीं सहा..
ऎसी ही कुछ तस्वीरें आपके लिये.
(फोटो: अमित चक्रवर्ती)
क्या करें लिखने के कीड़े का? मार दें?
6 hours ago
4 comments:
आभार, इन तस्वीरों को हमारे साथ बाँटने के लिये.
Joordar hai
इन तस्वीरों को देख कर पुन: स्मृत हो आते है वीर वो जिन्होंने अपना वक्त महान कार्यों के लिए गुजारा था…।
आप द्वारे लिये फोटू जितने अच्छे हैं इन तस्वीरों में उतनी ही वेदना छिपी हुई है।
आप्का ब्लाग देखकर बहुत अच्छा लगा। बहुत ही अच्छे विषय चुने हैं आपने। लिखते रहिये।
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