युगान्तर

वो सुबह कभी तो आयेगी..............

ये तो स्टाफ है..

२६ नवंबर के बाद भी हम कितने लापरवाह है ये आज सुबह फिर से देखने को मिला.. मुंबई एयरर्पोर्ट के गेट नं १B से प्रवेश करते हुऐ मैने देखा कि CSIF के १०-१२ जवानों को बिना किसी जाँच के एयरपोर्ट में दाखिला मिल रहा है..

ये जवान सुरक्षा कर्मी के पीछे से आराम से प्रवेश कर रहे थे.. मन में शंका हुई.. प्रश्न उठे.. एसा क्यों.. ये सुरक्षाकर्मी इतना विश्वास से कैसे ढील दे रहा है....रहा नहीं गया..और पुछ लिया.. जबाब मिला "ये तो स्टाफ है..."  मैने कहा पर कम से कम आई कार्ड तो देख सकते हैं.. क्या पता कोई नापा्क इंसान हो.. कुछ जबाब नहीं मिला...

अपनी चिन्ता वहां के अधिकारी को बताई.. उसने गोपनियता का हवाला दे लापरवाही छुपाने की कोशिश की...

ये् है हमारी सु्रक्षा..

(IT 4147 bay 27 से)

4 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन February 26, 2009 at 9:12 AM  

यह संकट हमारे देश में हर जगह है और इसका कोई प्रभावी समाधान भी निकलता नहीं दिख रहा है.

संगीता पुरी February 26, 2009 at 11:17 AM  

इसी लापरवाही का तो नतीजा है कि हमें हर दो चार महीनों के बाद एक न एक कांड से होकर गुजरना पडता है .... पता नहीं ये सुरक्षाकर्मी वेतन किस बात के लिए लेते है ?

Mumukshh Ki Rachanain March 9, 2009 at 4:49 PM  

सुरक्षाकर्मी को उसकी हीलाहवाली के लिए अपने टोक कर उसे उसकी गलती का अहसास तो करा ही दिया, भले ही अपनी झेप मिटने के लिए वह कुछ भी जवाब दे. सुरक्षा के प्रति चेतन रहने की आपको बधाई.

सुरक्षा कर्मियों की ऐसी ही लापरवाही ही तो दुर्घटनाओं को घटने देने का मौका देती है.

होली के इस पवन अवसर पर आपको हमारी हार्दिक बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त

Vikshipt Pathak April 5, 2009 at 1:36 AM  

har tantra apni choolonse hil chuka hai CISF kya bala hai.... अवश्य पढें और मीडिया का दूसरा पहलू भी देखें... http://vikshiptpathak.blogspot.com/

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