युगान्तर

वो सुबह कभी तो आयेगी..............

पानी पी पी कर कोसने का मौक़ा चला गया....

शहीद का अंतिम संस्कार... और मुख्यमंत्री के बेटे का जश्न... कितना सुनहरा मौका था न नेताओं को गाली देने का.. राहुल गांधी और सोनिया गांधी से लेकर सारी कांग्रेस को कोसने का... पर अफसोस.. सारा मजा चला गया.. ये तो भाजपा का नेता निकला..  कोई नहीं फिर मौक़ा मिलेगा...

(फोटो भास्कर से)
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आदि की मीठी बातें यहाँ है...

2 comments:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } July 3, 2010 at 10:27 AM  

बूढा मरे या जवान हमे जश्न से है काम .

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } July 3, 2010 at 10:27 AM  

बूढा मरे या जवान हमे जश्न से है काम .

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