गौरव कुमार प्रजापति की पोस्ट "धोनी की शादी में पत्रकारों की फजीहत" पर टिपण्णी ओसत से ज्यादा हो गई तो सोचा इसकी एक पोस्ट बना देते है..:)
"अगर मिडिया को लगता है उनके साथ नाइंसाफी हुई तो एक लाइन में खबर दिखा/चला देते.."सूत्रों के अनुसार धोनी की शादी है" और दो लाइन खर्च करनी हो तो जोडते.."मिडिया को इसका कवरेज करने की अनुमति नहीं दी जा रही"
मीडिया क्यों जिद्द पर अड़ा रहता है... की हर खबर लाइव दिखायेगें.. सबसे पहले.. धोनी की शादी कोई जनउत्सव या मेला नहीं.. उसका व्यकितगत मसला है... शादी करने के लिए उसने देश से पैसा नहीं लिया..
धोनी ने मीडिया का इस्तेमाल किया तो मीडिया ने भी किया.. ये तो आपस का व्यवहार है... किसी ने किसी पर कोई अहसान नहीं किया.. ये तो शुद्ध व्यापार है..
अगर फोटो की अनुमति नहीं है.. तो क्यों चोरी छिपे फोटो का जुगाड कर छापी/दिखाई.. ये कहाँ की नैतिकता है... जब भला आदमी कह रहा है की मेरी फोटो मत लो... तो माफ कर दो न.. अगर धोनी की शादी की फोटो नहीं देखेगें तो कौनसी आफत आने वाली है... क्या पता भाई ने फोटो के अधिकार किसी कंपनी को बेच दिए हो..
पत्रकार ऐसी हरकत कर खुद अपना ही मूल्य कम करते है.. सानिया की शादी में भी तो ऐसा ही हुआ...
क्या हम उनकी व्यकितगत जिंदगी को अलग नहीं कर सकते?"****
आदि की स्कुल शुरू हो गई.. आदि की खबरें यहाँ है...
1 comments:
मिडिया के पास इस तरह की खबरो के सिवा रह भी क्या गया है
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