कण कण में समाया हूं मैं
हर सांस में समाया हूँ मैं
मोहताज नहीं मैं तेरा
हर जर्रे में मैं
हर पेड़, पत्ती, शाखा में मैं
हर ईंट, पत्थर, बजरी में मैं
मोहताज नहीं मैं तेरा
हर पक्षी में मैं
हर जीव में मैं
हर जीवन मृत्यु में मैं
मोहताज नहीं मैं तेरा
ये जग मेरा
ये सागर अम्बर भी मेरा
ये धरती और पाताल भी मेरा
मोहताज नहीं मैं तेरा
तू दंभ न कर, घमंड न कर
मेरे लिए घर की चिंता न कर
तू मुझसे है, मैं तुझसे नहीं
मोहताज नहीं मैं तेरा
रंजन, अगस्त 7, 2020
हर सांस में समाया हूँ मैं
मोहताज नहीं मैं तेरा
हर जर्रे में मैं
हर पेड़, पत्ती, शाखा में मैं
हर ईंट, पत्थर, बजरी में मैं
मोहताज नहीं मैं तेरा
हर पक्षी में मैं
हर जीव में मैं
हर जीवन मृत्यु में मैं
मोहताज नहीं मैं तेरा
ये जग मेरा
ये सागर अम्बर भी मेरा
ये धरती और पाताल भी मेरा
मोहताज नहीं मैं तेरा
तू दंभ न कर, घमंड न कर
मेरे लिए घर की चिंता न कर
तू मुझसे है, मैं तुझसे नहीं
मोहताज नहीं मैं तेरा
रंजन, अगस्त 7, 2020
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